विचित्तं भवतां वदैव देवाभवावेतु भवतं सदैव।
मूल मपरं महितां विहंसि शिष्यत्व एवं भवतां भगवद् नमानि।
श्लोक में बताया गया है कि जीवन का श्रेष्ठ तत्व शिष्य होता है। ब्रह्माण्ड में यदि सबसे उच्च कोटि का कोई शब्द है तो वह शिष्य है। शिष्य का मतलब यह नहीं होता कि वह गुरू से दीक्षा लिया हुआ व्यक्ति हो, शिष्य का मतलब है कि जो प्रत्येक क्षण नवीन गुणों का अनुभव करता हुआ अपने जीवन में उतारता हो वह शिष्य है बालक भी शिष्य है, जो मां के गुणों को जीवन है, देख करके उसके अनुरूप बनता है।
जो व्यक्ति स्वयं का सम्मान करता है, वहीं मात्र दूसरों से सुरक्षित है, क्योंकि वह एक ऐसा अभेद कवच ओढ़ लेतct है लेतct, जिसे कोई कोई हctनि नहीं पहुँचct नहीं पहुँचा नहीं सकता सकत सकतasc नहीं पहुँच echt जो कुछ करते है गुरू करते है, यह सब क्रिया कलाप उन्हीं की माया का हिस्सा है, मैं तो मात्र उनका एक निमित्त मात्र हूँ, जो यह भाव अपने मन में रख लेता है वह शिष्यता के उच्चतम सोपानों को प्राप्त करता है।
गुरोरधिकं न गुरोरधिकं न गुरोरधिकं न गुरोरधिकं
शासनतः शिव शासनतः शिव शासनतः
इस वाक्य को अपने मन में बिठा लेता है तो वह अपने आप ही शिष्य शिरोमणि बन कर गुरूदेव का अत्यन्त प्रिय हो जाता है। गुरू जो भी आज्ञा देते है, उसके पीछे कोई रहस्य अवश्य होता है। अतः शिष्य को बिना संशय के गुरू आज्ञा का पूर्ण तत्परता से अविलम्ब पालन करना चाहिये। क्योंकि शिष्य इस जीवन में क्यों आया है, इस युग में क्यों जन्म लिया है, वह इस पृथ्वी पर क्या कर सकता है, इन सबका ज्ञान केवल गुरू ही करा सकता है।
को न तो गुरू निंदा करनी चाहिये और न ही निंदा सुननी चाहिये। कोई गुरू निंदा करता है तो शिष्य को चाहिये कि या तो वह अपने वाग्बल अथवा सामर्थ्य से उसको परास्त कर दें अथवा यदि वह ऐसा न कर सके तो उसे ऐसे लोगों की संगति त्याग देनी चाहिये। गुरू निंदा सुन लेना भी उतना ही दोषपूर्ण है, जितना कि गुरू निंदा करना। की कृपा से आत्मा में प्रकाश संभव है। यही वेदों ने भी कहा है, यही समस्त उपनिषदों का सार निचोड़ है। शिष्य वह है, जो गुरू के बताये मार्ग पर चलकर उनसे दीक्षा लेकर अपने जीवन में चारों पुरूषार्थ-धर्म, अर्थ, काम एवं मोक्ष को प्राप्त करता है।
Het is verplicht om te verkrijgen Goeroe Diksha van Revered Gurudev voordat hij een Sadhana uitvoert of een andere Diksha neemt. Neem contact op Kailash Siddhashram, Jodhpur door E-mail , Whatsapp , Telefoonnummer or Aanvraag om toegewijd-bekrachtigd en door een mantra geheiligd Sadhana-materiaal en verdere begeleiding te verkrijgen,