भगवान शिव को भी अर्धनारीश्वर कहा गया है अर्थात महादेव भी माता के बिना अपूर्ण है।।।।।।।। हर मांगलिक कार्य, अनुष्ठान, पूजा कर्म माता स्वरूप के साथ ही करने का प्रावधान है, मातृ शक्ति के बिना किया गया कोई भी धार्मिक कार्य अपूर्ण होता है। जिस जिस loop में म मloop शकtijd शकeller का अभा अभाव होतct है है है हैloop उनका उनका अपमा होत mr है वह वह घ घ respect voor Hoe u uw geld kunt verdienen
यह सब कथायें, प्रयोग- माँ बगलामुखी हो या माँ तारा हो अथवा माँ कात्यायनी पाठ केवल मिथ्या नहीं है, कई सदियों से चली आने वाली नवरात्रि की बेला एक ऐसा अवसर है, जब इस संसार का प्रत्येक भक्त अपने जीवन की आकांक्षाओं की पूर्ति लिये देवी स्वरूप जगत जननी माँ शक्ति की आराधना कर अपने कष्टो का समाधान कर अपने जीवन को पार लगा सकते हैं। भौतिक, आध्यात्मिक, मानसिक, शारीरिक, तंत्र, प्रेत, अज्ञानता, अन्धकार पूर्ण स्थितियों से हमें निकाल कर्म प्रधान बनने की चेतना केवल माँ ही प्रदान कर सकती हैं।
अब यह हम पर निर्भर करता है, हम किस स्वरूप में उसे ग्रहण करें। वाले नव दिवसों में शिविर व साधनात्मक कार्यक्रमों में आप भाग लेकर अपने जीवन के कष्टों के समाधान प्राप्त कर सकते हैं।