बाधाये तब दिखती हैं जब आप अपनी नजर लक्ष्य से हटाते है, लक्ष्यविहीन जीवन पशु समान है, लक्ष्यहीन जीवन बिना दिशा की दौड़ की तरह है जो आपको या तो दीवार से टकरायेगा या किसी गहरी खाई में जो आपको अन्धकार ओर ले ik हम कोई लक्ष्य न बनाकर जीवन के सुखों से दूर जा रहे हैं। तरह एक विद्यार्थी या एक व्यापारी आगे बढ़ने के लिये लक्ष्य निर्धारित करते हैं तभी सकाम चिंतन के साथ जीवन में आगे बढ़ते हैं। हम जीवन में आगे बढ़ने के लिये बाल्यकाल से ही लक्ष्य निर्धारित करने का ज्ञान प्राप्त करते हैं, परन्तु व्यस्क होते-होते हम यह करना भूल जाते हैं। ईश्वर ने हम सभी को समान ऊर्जा के साथ जन्म दिया हैं, अतः हम इस ऊर्जा को सही समय, सही दिशा में लगाकर अपना लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं। प्रकार हम कोई साधना प्रारंभ करने से पूर्व उसकी सामग्री व विधि प्राप्त करते है परन्तु बीच में कोई कठिनाई आने पर या तो उसे त्याग देते हैं या घबरा जाते है। कोई भी व्यक्ति एक दिन में महान् नहीं बनता अपितु निरन्तर अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये कार्यरत रहते हैं। ईश्वर ने आप सभी को समान बनाया है तो आप भी जीवन की हर ऊँचाई को प्राप्त करने के सक्षम है, आपको तो बस ईश्वर की ही उस ऊर्जा को सही दिशा में लगाना है।
तृतीया वर्ष का वह समय है जब हम कोई भी मंगल कार्य किये जा सकते हैं। फिर जीवन की कोई भी विफलताओं का अन्त कर सकते हैं। यह समय जीवन की दीनहीन स्थितियों के अन्त व जीवन में अक्षय युक्त, लक्ष्मी युक्त बनने का उपयुक्त समय है। इन सुखमय स्थितियों के लिये आप सही दिशा निर्देश प्राप्त कर जीवन में यश, मान कि प्राप्ति व बाधाओं का निवारण प्राप्त कर सकते हैं।
इस 30 अप्रैल से 01 मई को आप कामाम्या शक्ति की तपोभूमि पर साधना शिविर में आकर अपने जीवन को ज्ञानमय बना सकते हैं।।।।।।।।।।।।।।।
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श्रीमाली
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