सभी ग्रह मानव जीवन को अपनी सामर्थ्य अनुसार प्रभावित करते हैं। कोई एक ग्रह सर्वाधिक बलशाली होने के कारण व्यक्ति पर अपना पूर्ण प्रभाव रखता है अर्थात् व्यक्ति के सम्पूर्ण जीवन का प्रतिनिधित्व करता है।
यह बात न केवल सिद्ध हो चुकी है, कि सम्पूर्ण जगत कुछ विशेष नियमो से बंधा , प्रत्येक मनुष्य के जीवन में जो विशेष घटनायें घटित होती है, उन पर ग्रहों का प्रभाव निश्चित रूप से होता है, प्रत्येक ग्रह का पृथ्वी पर रहने वाली प्रत्येक वस्तु के साथ जो आकर्षण-विकर्षण ग्रहों के प्रभाव से बनता है, उसके परिणाम से कोई भी बच नहीं सकता।
वर्तमान जीवन में क्यों समस्याये इतनी अधिक भीषण और कष्टकारी हो गयी हैं, धोखा-धड़ी, रोग में वृद्धि, असफलता, मानसिक अशांति इत्यादि घटनायें तो प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का अंग ही बन चुकी है। बुद्धि तो बढ़ती जा रही है, फिर भी समस्यायें सुलझने के बजाय उलझती ही जाती है। सबका मूल कारण ग्रहों की उपेक्षा ही है।
और इन्हीं सब विषमताओं को समाप्त करने हेतु काल भैरव ही एकमात्र उपाय बचते हैं, यह वह शक्ति है जिसका वार कभी खाली नहीं जाता है। कहावत है कि लोहे लोहे को लोहा ही काटता है, उसी प्रकार जीवन के तीव्र भयावह स्थितियों को अनुकूल करने हेतु, प्रबल शतct के न न हेतु इस कct क कct तंतभै हैशक हैशक है हैct हैतंत हैct तीव्र वाममार्गी, योगिनी, चण्ड, क्रोध, रूरू, काल के देव देव काल मुक्ति काल भैरव है।।।।।।।।।।
भैरव शिव के अंश हैं और उनका स्वरूप चार भुजा, खड्ग, नरमुण्ड, खप्पर और त्रिशूल धारण किये हुये गले में शिव के समान मुण्ड माला, रूद्राक्ष माला, सर्पों की माला, शरीर पर भस्म, व्याघ्र चर्म धारण किये हुये, मस्तक पर सिन्दूर का त्रिपुण्ड, ऐसा ही प्रबल स्वरूप है, जो कि अपने अपने भक्तों, साधकों के हर प्रकार के संकट दू XNUMX
जीवन को जो अपनी इच्छा अनुसार जीने, अपने प्रराक्रम से शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने, अपने उत्साह से शत्रुओं पर वज्र की तरह प्रहार करने की चेतना को पूर्णता से आत्मसात करना चाहते हैं, उन्हें नव ग्रह दोष नाशक कालमुक्ति काल दीक्षा अवश्य ही ग्रहण करनी चाहिये, जिससे जीवन में निरन्तर उन्नति का मार्ग प्रशस्त हो, आप अपने बलबूते अपनी श्रेष्ठता स्थापित कर सकें, साथ ही जीवन के सभी विघ्न-बाधाओं का प्रचण्डता से शमन हो। इस शक्ति के माध्यम से जीवन की प्रत्येक स्थिति पर साधक का नियंत्रण होता है, उसके जीवन की बागडोर स्वयं उसके हाथ में होती है।